हिन्दू धर्म में भगवान महादेव को देवों के देव कहा जाता है । मान्यता है भगवान शंकर की सच्चे मन से की गई पूजा से हर मनोकामना पूर्ण होती है । समय सरोकार टुडे आपके सामने  भगवान शंकर के एक अद्भुत और पावन रूप भगवान महेंद्र नाथ के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा है ।

उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के महेन कसबे में स्थित भगवान शंकर के दिव्य स्वरुप बाबा महेंद्र नाथ के बारे में कहा जाता है कि यह ईसा पूर्व का मंदिर है और भगवान के यहाँ विराजमान शिवलिंग के  बारे में आकाशवाणी के जरिये जानकारी मिली थी । मंदिर के पुजारी कुबेर नाथ गोस्वामी बताते हैं कि 22 पीढ़ियों से उनके पूर्वज इस मंदिर में भगवान की पूजा कर रहे हैं । भगवान  काशी विश्वनाथ के क्षेत्र के अंतर्गत आने के चलते इन्हे महेंद्र नाथ कहा जाता है ।

भगवान के बारे में सबसे बड़ा चंमत्कार बताते हुए कुबेर नाथ गोस्वामी कहते है कि यहाँ दिन भर में भगवान भोले की मूर्ति के तीन स्वरुप दिखते हैं । सुबह भगवान का बाल स्वरुप दिखता है तो दोपहर को युवा स्वरुप और शाम को भगवान के वृद्ध स्वरुप के दर्शन होते हैं । मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान से की गई सच्चे मन से प्रार्थना विफल नहीं होती ।

मंदिर के एक अन्य पुजारी और मंदिर निर्माण में सहयोग प्रदान करने वाले त्रिपुरारी  भारती बताते  हैं कि लक्ष्मी नारायण जी  महाराज और परमहंस किशोरी दास जी  महाराज का मंदिर के लिए विशेष योगदान है । मंदिर निर्माण के लिए पत्थर मिर्ज़ापुर से नाव के जरिये लाये गए थे ।

महाशिवरात्रि और सावन के मौके पर महेंद्र नाथ के दरबार में विशाल मेला लगता है और श्रध्द्धालु भगवान के दर्शन पाकर धन्य हो जाते हैं ।

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