भारत का विधि आयोग, कानून और न्याय मंत्रालय, भारत सरकार; यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ लॉ, मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (एमएलएसयू), उदयपुर के सहयोग से 25 और 26 फरवरी, 2023 को एमएलएसयू, उदयपुर में “भारत में सतत विकास: क्रमागत उन्नति और कानूनी परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है। यह आयोजन, विशेष रूप से समकालीन परिदृश्य के संदर्भ में सतत विकास की अवधारणा की उत्पत्ति और विकास से संबंधित मुद्दों पर विचारों के आदान-प्रदान और विचार-विमर्श के लिए एक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन 25 फरवरी, 2023 को न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, अध्यक्ष, विधि आयोग और प्रोफेसर आई.वी. त्रिवेदी, कुलपति, एमएलएसयू, उदयपुर के स्वागत भाषण के साथ शुरू होगा। इस अवसर पर किरेन रिजिजू , कानून और न्याय मंत्री, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल , कानून और न्याय राज्य मंत्री, न्यायमूर्ति एम.एम. श्रीवास्तव, राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश, प्रोफेसर और कानून विशेषज्ञों की उपस्थिति होगी।
इस विषय पर सम्मेलन में तीन विषयगत सत्र शामिल हैं, अर्थात्, ‘विषयगत सत्र I – क्रमिक उन्नति के आयाम’, ‘विषयगत सत्र II – पर्यावरण आयाम’, ‘विषयगत सत्र III – सामाजिक-कानूनी आयाम’। विषयगत सत्र I के प्रमुख वक्ता – डॉ. राजश्री चौधरी (डीन, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, एमएलएसयू), प्रो. जीवन कुमार और न्यायमूर्ति डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी होंगे। विषयगत सत्र II के प्रमुख वक्ता – डॉ. शिल्पा सेठ, प्रो. एम.के.रमेश, प्रो. टी.टी.श्रीकुमार, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और न्यायमूर्ति के.टी. शंकरन, सदस्य, विधि आयोग होंगे। विषयगत सत्र III के मुख्य वक्ता – आर.एल.भट, (सेवानिवृत्त डीन, विधि संकाय, एमएलएसयू), प्रो. डी.पी. वर्मा, सदस्य, भारत का विधि आयोग, न्यायमूर्ति विनीत माथुर और डॉ. राका आर्य होंगे।
सम्मेलन 26 फरवरी, 2023 को आयोजित होने वाले समापन सत्र के साथ संपन्न होगा। भारत के विधि आयोग के सदस्य प्रो. आनंद पालीवाल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया जाएगा।