प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को ‘महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण’ पर बजट-उपरांत वेबिनार को सम्बोधित किया। केंद्रीय बजट 2023 में घोषित की गई पहलों के कारगर क्रियान्वयन के लिए सुझाव और विचार आमंत्रित करने के क्रम में सरकार द्वारा आयोजित 12 बजट-उपरांत वेबिनारों में से यह ग्यारहवां वेबिनार है।

उन्होंने कहा, “भावी अमृतकाल के नजरिये से बजट को देखा और परखा जा रहा है। देश के लिए यह शुभ संकेत है कि देश के नागरिक भी खुद को इन लक्ष्यों से जोड़कर अगले 25 वर्षों की तरफ देख रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने यह बात दोहराई कि पिछले नौ वर्षों में देश महिलाओं के नेतृत्व में विकास की परिकल्पना के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इन प्रयासों को वैश्विक मंच तक ले जा रहा है, क्योंकि भारत जी-20 की बैठक की अध्यक्षता करते हुए विश्व में अपनी स्थिति को प्रमुखता से दर्ज करा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का बजट महिलाओं के नेतृत्व में विकास के प्रयासों को नई गति देगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति दृढ़ता, इच्छा-शक्ति, परिकल्पना, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करने की क्षमता और कठोर परिश्रम का परिचायक है, जैसा कि ‘मातृ शक्ति’ में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि ये गुण इस सदी में भारत की उड़ान और उसकी गति बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के प्रयासों के परिणाम स्पष्ट नजर आते हैं और हम देश के सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या बढ़ रही है, तथा हाई स्कूल और उसके बाद की पढ़ाई में लड़कियों की संख्या भी पिछले नौ-10 वर्षों में तिगुनी हो गई है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी और गणित में लड़कियों का नामांकन आज 43 प्रतिशत है, जो अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों से अधिक है। चिकित्सा, खेल, व्यापार या राजनीति जैसे क्षेत्रों में, न केवल महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, बल्कि वे आगे बढ़कर नेतृत्व भी कर रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इस तथ्य का उल्लेख किया कि मुद्रा ऋण की 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। इसी तरह, महिलाएं स्वानिधि के तहत बिना किसी जमानत के ऋण योजनाओं, पशुपालन, मत्स्यपालन, ग्रामीण उद्योग, एफपीओ की संवर्धन योजनाओं तथा खेल योजनाओं से भी लाभ उठा रही हैं।

मोदी ने कहा, “इस बजट में यह बात परिलक्षित होती है कि हम कैसे आधी आबादी को साथ लेकर देश को आगे बढ़ा सकते हैं और कैसे महिला शक्ति की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।” उन्होंने महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना का उल्लेख किया, जिसमें महिलाओं को 7.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। मोदी ने कहा, “पीएम आवास योजना के लिए 80 हजार करोड़ रुपये महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम है, क्योंकि तीन करोड़ से अधिक आवास महिलाओं के नाम पर हैं।”
प्रधानमंत्री ने स्व-सहायता समूहों में नये यूनिकॉर्न बनाने के लिए स्व-सहायता समहों को समर्थन दिये जाने की घोषणा के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने बदलते परिदृश्य के मद्देनजर महिला सशक्तिकरण के लिए देश की शक्ति के बारे में बताया। आज पांच गैर-खेतिहर व्यापारों में से एक व्यापार किसी न किसी महिला द्वारा चलाया जा रहा है। पिछले नौ वर्षों में सात करोड़ से भी अधिक महिलाएं स्व-सहायता समूहों में शामिल हुई हैं। उनकी मूल्य-श्रृंखला को उनकी पूंजी आवश्यकता से समझा जा सकता है, कियोंकि इन स्व-सहायता समूहों ने 6.25 लाख करोड़ रुपये के ऋण लिए हैं।

प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि ये महिलाएं न केवल छोटे उद्यमियों के रूप में योगदान कर रही हैं, बल्कि वे कार्य-व्यापार में विशेषज्ञता रखने वाले सक्षम व्यक्ति के रूप में भी अपना योगदान कर रही हैं।

 

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