केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में ईपीएफ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 233वीं बैठक आयोजित हुई। केंद्रीय बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सदस्यों के खातों में ईपीएफ संचयों पर 8.15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर जमा करने की अनुशंसा की। वित्त मंत्रालय के अनुमोदन के बाद सरकारी राजपत्र में ब्याज दर को आधिकारिक रूप से अधिसूचित किया जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ अपने ग्राहकों के खातों में ब्याज दर जमा करेगा।

सीबीटी ने सुरक्षा उपायों के लिए विकास और अधिशेष निधि दोनों को संतुलित करने वाली राशि की अनुशंसा की। 8.15 प्रतिशत की अनुशंसित ब्याज दर अधिशेष की सुरक्षा के साथ-साथ सदस्यों की आय में वृद्धि की गारंटी देती है। वास्तव में, 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर और 663.91 करोड़ का अधिशेष पिछले वर्ष की ब्याज दर की तुलना में अधिक है।

बोर्ड की अनुशंसा में लगभग 11 लाख करोड़ रुपये की कुल मूल राशि पर सदस्यों के खाते में 90,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण शामिल है, जो वित्तीय वर्ष 2021-22 में क्रमशः 77,424.84 करोड़ रुपये और 9.56 लाख करोड़ रुपये थे। वितरित किए जाने के लिए अनुशंसित कुल आय अब तक की सर्वाधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में आय और मूल राशि में वृद्धि क्रमशः 16 प्रतिशत और 15 प्रतिशत से अधिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *