राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सोमवार (3 अप्रैल, 2023) को नई दिल्ली में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के 36वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं और उसे संबोधित किया। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कई विद्यार्थियों को उनके दायित्वों और परिस्थितियों के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय जैसे संस्थान सहायता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई नियोजित/स्वरोजगार में संलग्न व्यक्ति अपने कौशल में वृद्धि के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ‘अर्जक और शिक्षार्थी’ दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्राप्त कर अल्प-रोजगार से बाहर आ सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रकार, दूरस्थ शिक्षा की व्यापक सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता है। ऐसे विद्यार्थियों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान कर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय बहुत उपयोगी सेवा प्रदान कर रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने ‘उच्च शिक्षा तक पहुंच’ को प्रोत्साहन प्रदान करने में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने दूर-दराज के क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर समूहों के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रमों में सुगमता की सहायता से कई विद्यार्थियों ने अपने काम, परिवार और अन्य दायित्वों का प्रबंधन करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *