प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को 91 स्थानों पर 100 वाट की क्षमता के लो पॉवर एफएम ट्रांसमीटरों को कमीशन किया। ये ट्रांसमीटर 20 राज्यों के 84 जिलों में संस्थापित किए गए हैं। इससे आकाशावाणी के ट्रांसमीटरों के नेटवर्क की संख्या 524 से बढ़कर 615 हो गई है। इनके जुड़ने से आकाशवाणी का कवरेज देश की आबादी के 73.5 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
ट्रांसमीटरों के संस्थापन के लिए वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों तथा देश के सीमावर्ती क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है।
मोबाइल फोनों से सुसज्जित एफएम रिसीवर की सुनने की स्पष्ट गुणवत्ता और सरल उपलब्धता ने देश में एमएफ रेडियो सेवा की मांग को बढ़ा दिया है। इस मांग को पूरा करने और संगठन के क्षमता निर्माण की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में, सरकार ने देश में 63 और एफएम ट्रांसमीटरों की संस्थापना को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर पर आकाशवाणी को बधाई दी। इस जुड़ाव के महत्व की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन अखिल भारतीय एफएम बनने की दिशा में आकाशवाणी द्वारा एफएम सेवाओं के विस्तार में एक उल्लेखनीय कदम है। उन्होंने रेखांकित किया कि आकाशवाणी द्वारा 91 एफएम ट्रांसमीटरों की शुरुआत देश के 84 जिलों और 2 करोड़ लोगों के लिए एक उपहार है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अगर भारत को अपनी पूरी क्षमता तक विकास करना है तो यह महत्वपूर्ण है कि किसी भी भारतीय को अवसर की कमी महसूस न हो। ’ आधुनिक प्रौद्योगिकी को सुगम्य और किफायती बनाना इसकी कुंजी है। उन्होंने सभी गांवों के लिए ऑप्टिकल फाइबर तथा सबसे सस्ती डेटा लागत, जिसमें सूचना तक पहुंच को सरल बना दिया है, का उल्लेख करते हुए इसकी व्याख्या की। उन्होंने कहा कि इसने गांवों में डिजिटल उद्यमशीलता को नया प्रोत्साहन दिया है। इसी प्रकार, यूपीआई ने छोटे व्यवसायियों और स्ट्रीट वेंडरों को बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्राप्त करने में सहायता प्रदान की है।
प्रधानमंत्री ने रेडियो के साथ उनकी पीढ़ी के भावनात्मक जुड़ाव को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने मन की बात के आगामी 100वें एपिसोड का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मेरे लिए, यह एक अतिरिक्त प्रसन्नता की बात है कि मेरा एक मेजबान के रूप में रेडियो के साथ संबंध है।’ उन्होंने कहा, ‘देशवासियों के साथ इस प्रकार का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो के माध्यम से ही संभव था।
प्रधानमंत्री ने भाषा संबंधी विविधता के आयाम की चर्चा की और सूचित किया कि एफएम प्रसारण सभी भाषाओं और विशेष रूप से 27 बोलियों वाले क्षेत्रों में किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने वास्तविक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामाजिक जुड़ाव पर जोर देते हुए कहा, ‘यह कनेक्टविटी न केवल कम्युनिकेशन के टूल्स को लिंक करती है, बल्कि यह लोगों को जोड़ता भी है। यह इस सरकार की कार्य संस्कृति का प्रतिबिम्ब है।’
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनसमूह को संबोधित किया। उपलब्धि की चर्चा करते हुए ठाकुर ने कहा कि ये ट्रांसमीटर सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों के बारे में सूचना तथा देश के कोने-कोने तक मनोरंजन संबंधी कंटेंट प्रदान करने के लिए वाहक के रूप में कार्य करेंगे।
पृष्ठभूमि
देश में एफएम कनेक्टिविटी बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में 18 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 84 जिलों में 91 नए 100 वाट एफएम ट्रांसमीटर लगाए गए हैं। इस विस्तार का विशेष फोकस आकांक्षी जिलों और सीमावर्ती क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने पर रहा है। जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है उनमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नगालैंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, लद्दाख और अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। आकाशवाणी की एफएम सेवा के इस विस्तार के साथ अब 2 करोड़ अतिरिक्त लोगों को कवर किया जाएगा, जिनकी इस माध्यम तक पहुंच नहीं थी। इसके परिणामस्वरूप लगभग 35,000 वर्ग किमी क्षेत्र में कवरेज का विस्तार होगा।