सी-डैक, पुणे में स्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) सुपर कंप्यूटर ‘ऐरावत’ को विश्व में वरियता क्रम में 75वां स्थान पर रखा गया है। जर्मनी में मंगलवार को हुए 61वें अंतर्राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग सम्मेलन (आईएससी 2023) में 500 प्रमुख वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग सूची की घोषणा की गई। इसमें भारत को पूरे विश्व में एआई सुपरकंप्यूटिंग देशों में शीर्ष स्थान पर रखा गया है। यह प्रणाली भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत स्थापित की गई है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) में सचिव अलकेश शर्मा ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिजिटल युग में सर्वाधिक आशाजनक तकनीक है। भारत में बड़े पैमाने पर डेटा उपलब्धता, सुदृढ़ डिजिटल अर्थव्यवस्था और कुशल कार्यबल के कारण कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए सुदृढ़ पारिस्थितिकी तंत्र और प्रतिस्पर्धी लाभ मिलता है। भारत, प्राकृतिक भाषा, छवि, पैटर्न मान्यता, कृषि, चिकित्सा इमेजिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, ऑडियो सहायता, रोबोटिक्स और रणनीतिक क्षेत्रों के लिए समाधान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ प्रायोगिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में काम कर रहा है। श्री अलकेश शर्मा ने कहा कि भारत विश्व को एक बेहतर स्थल बनाने के लिए समाज और अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी समस्याओं को हल करने के वास्ते नागरिकों और संगठनों को सशक्त बनाने के लिए एआई प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा।

एनईजीडी के अध्यक्ष और सीईओ और एमईआईटीवाई के अपर सचिव अभिषेक सिंह ने कहा, “200 कृत्रिम बुद्धिमत्ता पेटाफ्लॉप्स मिक्स्ड प्रेसिजन पीक कम्प्यूट क्षमता की अवधारणा (पीओसी) एआई रिसर्च एनालिटिक्स और नॉलेज सेपरिफ्यूजन प्लेटफॉर्म (एआईआरएडब्ल्यूएटी) एमईआईटीवाई द्वारा वित्त पोषित है और सी-डैक, पुणे ने इसे लागू किया है। पीक कंप्यूट क्षमता (डबल प्रेसिजन, आरपीक) 13 पेटाफ्लॉप्स है।यह ध्यान देने योग्य है कि एमईआईटीवाई ने पहले ही ऐरावत को 1,000 एआई पेटाफ्लॉप्स मिश्रित सटीक गणना क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्तमान एआई कम्प्यूटेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए रोडमैप की कल्पना की है।

मंत्रालय के अपर सचिव भुवनेश कुमार ने कहा, “सी-डैक अपनी स्थापना के समय से ही एचपीसी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अग्रणी रहा है और शीर्ष 500 की सूची में यह प्रविष्टि सी-डैक की एक और उपलब्धि है। मंत्रालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचारों में तेजी लाने के लिए इस प्रकार की बड़ी सुपरकंप्यूटिंग प्रणालियों को लागू करने का हमेशा समर्थन करता रहा है। सी-डैक को न्यूनतम लागत पर भारतीय समुदाय के लिए इस तरह के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे तक आसान पहुंच को उपलब्ध कराना चाहिए।

एमईआईटीवाई की जी एंड जीसी (इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज) की वैज्ञानिक कविता भाटिया ने कहा “भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के साथ संरेखण में, शिक्षाविदों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक समुदाय, उद्योग और स्टार्ट-अप को स्वदेशी एआई सक्षम उत्पादों/समाधानों को विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगा।

एमईआईटीवाई की जी एंड जीसी (इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, एआई और ईटी, डिजिटल भाषिणी में आर एंड डी) वैज्ञानिक सुनीता वर्मा ने बताया कि सुपरकंप्यूटिंग सी-डैक की एक मुख्य शक्ति है। पिछले साढ़े तीन दशकों से सी-डैक सुपरकंप्यूटिंग और एआई में अनुसंधान और विकास कार्य में संलग्न है। एमईआईटीवाई ने सी-डैक को भारतीय वैज्ञानिक और अनुसंधान समुदाय के लिए राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के अंतर्गत सुपर कंप्यूटर तैनात करने का काम सौंपा है। हम वैश्विक मानकों के अनुरूप स्थान पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। सी-डैक पुणे में स्थापित प्रणाली सरकार के डिजिटल इंडिया भाषिणी कार्यक्रम के लिए भी उपयोगी होगी।

सी-डैक के महानिदेशक ई मगेश ने इस उपलब्धि पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में देश में सबसे तेज सुपर कंप्यूटर होने के नाते, इसे एआई, परिवर्तनकारी एआई, अकादमिक, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वैज्ञानिक समुदाय, उद्योग और स्टार्ट-अप में अनुसंधान उत्कृष्टता के सभी केंद्रों को जोड़ने वाले एक सामान्य कम्प्यूटेशनल क्लाउड प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करने के लिए एक स्केलेबल बुनियादी ढांचे पर डिजाइन किया गया है। हमने देश में कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए ऑन-बोर्डिंग की प्रक्रिया शुरू की है। उन्होंने सी-डैक, पुणे के कार्यकारी निदेशक कर्नल अशीत कुमार नाथ के नेतृत्व में सी-डैक, पुणे की टीम को इस प्रणाली को स्थापित करने और शीर्ष 500 सूची में चयन के लिए किए गए प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी।

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