हिंदी का प्रसार-प्रचार और बढ़ता हुआ प्रयोग हमें हमारी व्यापक विविधता के बावजूद एक आम राष्ट्रीय स्वर के साथ संवाद स्थापित करने में सहायता प्रदान करता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने यह बात सोमवार को हिंदी सलाहकार समिति की बैठक में अपने संबोधन के दौरान कही। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार भी उपस्थित थे।
हिंदी सलाहकार समिति केंद्र सरकार के प्रत्येक मंत्रालय में हिंदी में सरकारी कामकाज को बढ़ावा देने के लिए गठित एक समिति है, इसकी वर्ष में कम से कम दो बैठकें आयोजित करने का प्रावधान है।
डॉ. मांडविया ने कहा कि राष्ट्रभाषा की प्रधानता को समझना बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यह हमारी अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करता है और राष्ट्रीय एकता और इकाई के लिए एक समन्वय प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हम अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का भी उपयोग कर सकते हैं लेकिन हमें राष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी का सम्मान करना चाहिए। आइए हम सभी हिंदी का एक ऐसी भाषा के रूप में प्रयोग करें जो हमारे राष्ट्रीय चरित्र को स्वरूप प्रदान देने में हमारी सहायता करती है।
डॉ. मनसुख मांडविया ने सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय स्तर पर की जा रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में भी प्रकाश डाला।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहा कि हिंदी भाषा मधुर भी है और आसान भी है। इसके प्रचार-प्रसार को न केवल इसलिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए कि यह हमारी परंपरा और विरासत का हिस्सा है, बल्कि यह लोगों के साथ बेहतर तरीके से जुड़ने के लिए भी जरूरी है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी बघेल ने भी सभी लोगों से सरकारी कामकाज में हिंदी के उपयोग को उत्तरोत्तर बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों के मध्य हिंदी के प्रयोग के प्रति बेहतर जागरूकता और प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया।
इस बैठक में डॉ. अनिल अग्रवाल, संसद सदस्य (राज्यसभा), गुलाम अली, संसद सदस्य (राज्यसभा), प्रतापराव जाधव, संसद सदस्य (लोकसभा) उपस्थित थे। बैठक में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।