डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने को बढ़ावा देने के प्रयास में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत 100 माइक्रोसाइट परियोजना शुरू की है। एबीडीएम के संदर्भ में एक माइक्रोसाइट, उन छोटी और मध्यम स्तर की क्लीनिकों, नर्सिंग होम्स, अस्पतालों (अधिमानतः 10 से अधिक बिस्तरों वाले), प्रयोगशालाओं, फार्मेसियों और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओ का एक ऐसा समूह होगा जो एबीडीएम-सक्षम हैं और मरीजो को डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। ये माइक्रोसाइट्स पूरे देश के विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थापित की जाएंगी। इन्हें मुख्य रूप से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के राज्य मिशन निदेशकों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, जबकि इनके लिए वित्तीय संसाधन और समग्र मार्गदर्शन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
माइक्रोसाइट्स का लक्ष्य एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र के भीतर एक लघु पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है,जहां एबीडीएम को पूरी तरह अपनाया गया है और संपूर्ण रोगी यात्रा को डिजिटलीकृत किया गया है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश माइक्रोसाइट को स्थापित करने और संचालन के लिए एक विकास भागीदार और एक इंटरफेसिंग एजेंसी का लाभ उठा सकते हैं। माइक्रोसाइट मे विशेष रूप से निजी क्षेत्र से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं औरविभिन्न चिकित्सा प्रणालियों में सेवारत स्वास्थ्य सेवा पेशेवरो को हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (एचपीआर), स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर) जैसे एबीडीएम मॉड्यूल में पंजीकृत किया जाएगा। इसके बाद एबीडीएम सक्षम अनुप्रयोगों की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों मे आने वाले रोगी भी अपने एबीएचए से जुड़े स्वास्थ्य रिकॉर्ड के साथ एबीडीएम का हिस्सा बन जाएंगे जिससे वे अपने फोन पर एबीएचए ऐप,आरोग्य सेतु जैसे अन्य अनुप्रयोगो तक पहुंचने मे योग्य हो जाएंगे।
इस परियोजना के बारे में बात करते हुए एनएचए के सीईओ ने कहा – “हमारा उद्देश्य पूरे देश में ऐसी 100 माइक्रोसाइट्स स्थापित करना है जहां एबीडीएम के तहत अधिक से अधिक लघु-मध्यम स्तर की स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं को लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इससे न केवल निजी क्षेत्र के प्रदाताओं के बीच स्वीकार्यता बढ़ेगी, बल्कि एबीडीएम को भी पूरे देश में निजी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं मे इसका विस्तार करने में मदद मिलेगी।