भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला में शनिवार, 25 नवंबर 2023 को एक भव्य पासिंग आउट परेड (पीओपी) का आयोजन किया गया। इस परेड में 158 प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया, जिसमें से 105वें भारतीय नौसेना अकादमी कोर्स के मिडशिपमैन, 38वें नवल ओरिएंटेशन कोर्स (तट रक्षक) तथा 35वें व 36वें नवल ओरिएंटेशन कोर्स (विस्तृत) के कैडेट शानदार अंकों के साथ उत्तीर्ण हुए हैं, और यह सफलता उनके प्रारंभिक प्रशिक्षण की पराकाष्ठा को दर्शाती है। पासिंग आउट प्रशिक्षुओं में 05 देशों के 08 विदेशी कैडेट ने भी भाग लिया। इनमें मॉरीशस की पहली अंतर्राष्ट्रीय महिला प्रशिक्षु के साथ-साथ श्रीलंका, बांग्लादेश, वियतनाम और म्यांमार के कैडेट भी शामिल थे।
मुख्य अतिथि के रूप में नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने परेड का निरीक्षण किया। उन्होंने औपचारिक तरीके से निरीक्षण के पूरा होने पर कुछ सराहनीय मिडशिपमेन और कैडेट को पदक भी प्रदान किए।
भारतीय नौसेना अकादमी के बीटेक कोर्स के लिए ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ मिडशिपमैन रविकांत रंजन को प्रदान किया गया। पदक प्राप्त करने वाले अन्यविजेता इस प्रकार थे:-
(ए) आईएनएसी बी.टेक कोर्स के लिए सीएनएस रजत पदक – मिडशिपमैन सुशेन पुजानी
(बी) आईएनएसी बी.टेक कोर्स के लिए एफओसी-इन-सी साउथ कांस्य पदक-मिडशिपमैन पीयूष एन थोर्वे
(सी) एनओसी (विस्तारित) के लिए सीएनएस स्वर्ण पदक – कैडेट आकाश दहिया
(डी) एनओसी (विस्तारित) के लिए एफओसी-इन-सी साउथ सिल्वर मेडल – कैडेट अनाओकर श्लोक
(ई) कमांडेंट, आईएनए एनओसी (विस्तारित) के लिए कांस्य पदक – कैडेट समर्थ राजपूत
(एफ) महानिदेशक तटरक्षक सर्वश्रेष्ठ सहायक कमांडेंट – सहायक कमांडेंट हितेश रतन।
एनडब्ल्यूडब्ल्यूए की अध्यक्ष श्रीमती कला हरि कुमार भी मुख्य अतिथि के साथ मौजूद थीं। वीएडीएम एमए हम्पीहोली, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ दक्षिणी नौसेना कमान संचालन अधिकारी थे और उनके साथ एनडब्ल्यूडब्ल्यूए (एसआर) की अध्यक्ष श्रीमती मधुमती हम्पीहोली भी मौजूद थीं। वाइस एडमिरल पुनीत के बहल, कमांडेंट, भारतीय नौसेना अकादमी, श्रीमती अंजलि बहल, अध्यक्ष, नवल वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन एझिमाला के साथ इस अवसर पर उपस्थित हुए।
सफल प्रशिक्षुओं ने सलामी के तौर पर अपनी चमचमाती औपचारिक तलवारों और राइफलों के साथ अकादमी के क्वार्टरडेक के पास स्लो मार्च में मार्च किया। यह भारतीय नौसेना अकादमी में उनका ‘अंतिम पग’ या अंतिम चरण था।
नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने परेड के प्रशिक्षुओं को उनके त्रुटिहीन प्रदर्शन, स्मार्ट ड्रिल और परेड में सभी गतिविधियों के लिए बधाई दी। उन्होंने प्रशिक्षुओं को हथियारों से संचालित होने वाले इस महान पेशे को चुनने और इस प्रकार राष्ट्र की सेवा के उद्देश्य से प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित करने और सहयोग करने के माता-पिता के निर्णय की विनम्रतापूर्वक सराहना की। मुख्य अतिथि ने मॉरीशस की पहली अंतरराष्ट्रीय महिला कैडेट के महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व की भी प्रशंसा की। भारतीय नौसेना अकादमी में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षुओं का एकीकरण न केवल भारत के विदेशी सहयोग को सशक्त करता है बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की विश्व स्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं को भी उजागर करता है।
निरीक्षण अधिकारी, संचालन अधिकारी, कमांडेंट, भारतीय नौसेना अकादमी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पासिंग आउट प्रशिक्षुओं की पट्टियां सौंपी। उन्होंने हाई टी पर पासिंग आउट प्रशिक्षुओं एवं उनके माता-पिता के साथ बातचीत की और उन्हें कठिन प्रशिक्षण के सफल समापन के लिए बधाई दी। ये अधिकारी अब विशिष्ट क्षेत्रों में अपने प्रशिक्षण को और आगे बढ़ाने तथा अपनी सेवाएं देने के लिए विभिन्न नौसैन्य पोतों व संस्थानों में तैनात होंगे। ये अधिकारी अपने कर्तव्य, सम्मान और साहस के मूल मूल्यों से ओत-प्रोत होकर भारतीय नौसेना की सेवा करेंगे।