रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में चेन्नई और उसके आसपास के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का गुरुवार को हवाई सर्वेक्षण किया। ये क्षेत्र चक्रवात मिचौंग से बर्बाद हो गये हैं। तमिलनाडु के वित्त और मानव संसाधन प्रबंधन मंत्री थंगम थेनारासु और मुख्य सचिव शिव दास मीना भी हवाई सर्वेक्षण के दौरान रक्षा मंत्री के साथ रहे। राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ आयोजित बैठक के दौरान मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।

हवाई सर्वेक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस संकट को दूर करने के लिए प्रभावी रूप से कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना, वायु सेना, तट रक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य केंद्रीय एजेंसियां राहत और बचाव कार्यों में राज्य सरकार की सहायता कर रही हैं और राज्स में सामान्य स्थिति बहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

रक्षा मंत्री ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चक्रवात के कारण हुई जानमाल की हानि से बहुत दुखी हैं और स्थिति की बारीकी से समीक्षा कर रहे हैं। “प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें केंद्र सरकार से हर संभव सहायता दिये जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने गृह मंत्रालय को राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की दूसरी किस्त की केंद्रीय हिस्सेदारी के 493.60 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश को और तमिलनाडु को 450 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से जारी करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार दोनों राज्यों को इतनी ही राशि की पहली किस्त पहले ही जारी कर चुकी है।

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा शमन कोष के तहत ‘चेन्नई बेसिन परियोजना के लिए एकीकृत शहरी बाढ़ प्रबंधन गतिविधियों’ के लिए 561.29 करोड़ रुपये की पहली शहरी बाढ़ शमन परियोजना को मंजूरी दे दी है, जिसमें 500 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता भी शामिल है।

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