केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने बुधवार को देश में कोविड स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान हाल ही में देश के कुछ भागों में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए कोविड की निगरानी, रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल और डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल भी उपस्थित थे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत समेत दूसरे राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया ।
विश्व के कुछ देशों चीन, ब्राजील, जर्मनी और अमरीका में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या से उत्पन्न चुनौती को देखते हुए डॉ. मनसुख मांडविया ने कोविड के नए और उभरते वैरिएंट से निपटने के लिए तैयार रहने और सतर्क रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आगामी आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए इस पर सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे स्थिति से निपटने के लिए उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना बनाने के लिए कोविड के मामलों और लक्षणों पर कड़ी निगरानी रखें।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 6 दिसंबर 2023 को पोजीटिव मामलों की संख्या 115 थी, जो बढ़कर 614 हो गई है। यह भी नोट किया गया कि 92.8 प्रतिशत मामले होम क्वारंटाइन हैं, जो हल्की बीमारी का संकेत है। कोविड के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, उनका कारण अन्य चिकित्सा स्थितियां हैं। केरल, महाराष्ट्र, झारखंड और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में दैनिक पोजीटिव दर में वृद्धि देखी गई है।
SARS-CoV-2 के नए JN.1 वैरिएंट के बारे में यह बताया गया कि इस वैरिएंट पर वर्तमान में गहन वैज्ञानिक जांच चल रही है, लेकिन तत्काल चिंता का कारण नहीं है। इस वेरिएंट से प्रभावित रोगी बिना किसी जटिलता के ठीक भी हो गये हैं।