मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) विधेयक 2023 गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया है। यह विधेयक निर्वाचन आयोग (निर्वाचन आयुक्तों की सेवा, शर्तें और कार्य संचालन) अधिनियम 1991 का स्थान लेगा।
इस विधेयक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, वेतन और पद से हटाए जाने से जुड़े प्रावधान शामिल किए गए हैं। विधेयक के प्रावधानों के अनुसार मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।
चयन समिति में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल में से एक मंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता या सबसे बड़े दल का नेता शामिल होगा। चर्चा और पारित कराने के लिए बिल पेश करते हुए विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह विधेयक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप लाया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का वेतन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर होगा।