राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 को स्वीकृति दे दी है। संसद ने पिछले सप्ताह आपराधिक न्याय संबंधी ये तीनों नए विधेयक पारित किए थे।

नए अधिनियमों में प्रथम सूचना रिपोर्ट से लेकर केस डायरी, आरोप पत्र और अदालत के फैसले तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल बनाने का प्रावधान है।

नए कानूनों में -उन्मादी भीड़ द्वारा हत्या-मॉब लिंचिंग में मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया है। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के कई प्रावधान किए गए हैं। भारतीय न्याय संहिता में 18 वर्ष से कम आयु की महिला से दुष्कर्म के अपराध में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है।

सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या मृत्युपर्यन्त कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। नए कानून में आपराधिक न्याय प्रणाली के अंतर्गत पहली बार आतंकवाद को परिभाषित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *