लोकसभा ने मंगलवार को संविधान (जम्मू-कश्मीर) अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य (i) पहाड़ी जातीय समूह (ii) पदारी जनजाति (iii) कोली और (iv) गड्डा ब्राह्मण को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान कर उन्हे सशक्त बनाना है। इन समुदायों के लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।

जम्मू और कश्मीर में अनुसूचित जनजातियों की सूची में इन समुदायों को शामिल करने से गुज्जर और बकरवाल जैसे मौजूदा अनुसूचित जनजाति समुदायों को उपलब्ध आरक्षण के वर्तमान स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उनको जैसा आरक्षण मिल रहा था, उनका आरक्षण वैसा ही रहेगा।

नई सूचीबद्ध अनुसूचित जनजातियों को आरक्षण इस प्रकार प्रदान किया जाएगा कि इसका उन समुदायों पर कोई प्रभाव न पड़े जो पहले से ही अनुसूचित जनजातियों के रूप में सूचीबद्ध हैं। संसद द्वारा विधेयक पारित होने के पश्चात, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार आरक्षण पर आवश्यक अधिसूचना जारी करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अनुसूचित जनजातियों की मौजूदा सूची में शामिल लोगों को समान स्तर का आरक्षण मिलता रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *