केंद्र सरकार ने ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिए बने कानून के प्रावधान को अधिसूचित कर दिया है। इसमें दोषियों को अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। आधिकारिक गजट में प्रकाशित एक अधिसूचना में कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि कानून के प्रावधान 22 जून से लागू हो जायेंगे।
सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम विधेयक, 2024 छह फरवरी को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित कर दिया गया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 फरवरी को इस विधेयक को मंजूरी देकर इसे कानून में बदल दिया। संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी-एनटीए, रेलवे भर्ती बोर्ड, बैंकिंग भर्ती परीक्षा निकायों और अन्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों को रोकने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है। इसमें धोखाधड़ी रोकने के लिए न्यूनतम तीन से पांच साल की कैद का प्रावधान रखा गया है। साथ ही धोखाधड़ी के संगठित अपराधों में शामिल लोगों को पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना देना होगा।