केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा और मेघालय के मुख्यमंत्री; बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश और ओडिशा के उपमुख्यमंत्री; राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभा सहित) के वित्त मंत्रियों और वित्त मंत्रालय एवं राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। जीएसटी परिषद ने अन्य बातों के अलावा जीएसटी दरों में परिवर्तन, व्यापार को सुविधाजनक बनाने के उपायों और जीएसटी के अनुपालन को सुव्यवस्थित करने के उपायों से संबंधित कई सिफारिशें कीं।

1. विमानों के पुर्जों, घटकों, परीक्षण उपकरणों, औजारों और औजार-किटों के आयात पर 5% की एक समान दर से आईजीएसटी लागू होगा, चाहे उनका एचएस वर्गीकरण कुछ भी हो, ताकि निर्दिष्ट शर्तों के अधीन एमआरओ गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।2. सभी दूध के डिब्बे (स्टील, लोहा और एल्युमीनियम के) चाहे उनका उपयोग कुछ भी हो, उन पर 12% जीएसटी लगेगा।3. ‘सिकोड़ कर नालीदार बनाए गए या गैर-नालीदार कागज या पेपर-बोर्ड दोनों के कार्टन, बक्से और आवरण’ (एचएस 4819 10; 4819 20) पर जीएसटी दर 18% से घटाकर 12% की जाएगी।4. सभी सौर कुकर, चाहे वे एकल या दोहरे ऊर्जा स्रोत उपयोगी हों, उन पर 12% जीएसटी लगेगा।5. पोल्ट्री रखने की मशीनरी पर 12% जीएसटी लागू करने वाली मौजूदा प्रविष्टि में संशोधन करना, ताकि विशेष रूप से “पोल्ट्री रखने की मशीनरी के पुर्जे” को शामिल किया जा सके और वास्तविक व्याख्यात्मक मुद्दों के मद्देनजर पिछली प्रथा को ‘जैसा है जहां है’ के आधार पर नियमित किया जा सके।6. यह स्पष्ट करना कि फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12% जीएसटी लगेगा और वास्तविक व्याख्यात्मक मुद्दों के मद्देनजर पिछली प्रथा को ‘जैसा है जहां है’ के आधार पर नियमित किया जाएगा।

भारतीय रेल द्वारा आम जनता को प्रदान की जाने वाली सेवाओं जैसे कि प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री, रिटायरिंग रूम/वेटिंग रूम की सुविधा, क्लॉक रूम सेवाएं और बैटरी से चलने वाली कार की सेवाओं को छूट देने तथा अंतर-रेलवे लेन-देन को भी छूट देने के लिए। पिछली अवधि के लिए जारी किए गए ऋण को 20.10.2023 से इस संबंध में छूट को लेकर अधिसूचना जारी होने की तिथि तक नियमित किया जाएगा।

परिषद ने मुकदमेबाजी में कमी लाने के उद्देश्य से जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विभाग द्वारा जीएसटी में अपील दायर करने हेतु कुछ बहिष्करणों के अधीन मौद्रिक सीमा निर्धारित करने की सिफारिश की। परिषद द्वारा निम्नलिखित मौद्रिक सीमाओं की सिफारिश की गई है: जीएसटीएटी: 20 लाख रुपये ,

उच्च न्यायालय: 1 करोड़ रुपये ,

सर्वोच्च न्यायालय: 2 करोड़ रुपये

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