सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) ने मंगलवार को उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) और सम्बद्ध क्षेत्रों में मानव संसाधन विकास के लिए एक इको-सिस्टम बनाने के बारे में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ समझौता-प्रपत्र (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।एमओए पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम और सी-डैक पुणे और कॉर्पोरेट रणनीति के कार्यकारी निदेशक कर्नल आशीष नाथ (सेवानिवृत्त) ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन व मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।इस एमओए के तहत की जाने वाली कुछ प्रमुख गतिविधियां इस प्रकार हैं:

मास्टर ट्रेनर कार्यक्रम: ये प्रशिक्षण और रिफ्रेशर कार्यक्रम मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किए जाएंगे, ताकि वे एचपीसी और संबद्ध तकनीकों में अपने शिक्षण कौशल को बढ़ा सकें। मास्टर ट्रेनर बदले में संकाय सदस्यों को उनके कॉलेजों में छात्रों को पढ़ाने के लिए आवश्यक जानकारी के साथ प्रशिक्षित करेंगे।गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम: ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कंप्यूटर विज्ञान के अलावा अन्य विषयों के संकायों की एचपीसी और संबद्ध तकनीकों में विषय विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए आयोजित किए जाएंगे।

‘स्वयम्’ पर पाठ्यक्रम: एचपीसी में पाठ्यक्रम शिक्षा मंत्रालय के ‘स्वयम्’ प्लेटफॉर्म पर पेश किए जाएंगे, जो शिक्षार्थियों को विभिन्न विषयों में मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इससे देश भर के छात्रों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

उद्योग की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करना: एचपीसी से संबंधित पाठ्यक्रमों को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे एचपीसी उद्योग की वर्तमान और उभरती जरूरतों के अनुरूप हों।

सी-डैक द्वारा विकसित एचपीसी लर्निंग प्लेटफॉर्म की पेशकश: सी-डैक एआईसीटीई के माध्यम से लक्षित संस्थानों को एचपीसी लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे परम शावक, परम विद्या और अन्य आगामी प्लेटफॉर्म की पेशकश करेगा।

सी-डैक और एआईसीटीई के बीच समझौता-प्रपत्र का उद्देश्य एचपीसी और संबद्ध प्रौद्योगिकियों में सतत मानव संसाधन विकास को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना और उद्योग व शिक्षा जगत की उभरती जरूरतों को पूरा करना है।

इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने उल्लेख किया कि एनएसएम के तहत एचपीसी-जागरूक जनशक्ति विकास गतिविधि अब देश भर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में व्यापक रूप से पहुंचेगी। उन्होंने कहा, “इससे तकनीकी कार्यबल में एचपीसी-संबंधी क्षमता का निर्माण करने में मदद मिलेगी, जिससे वे उद्योग के लिए तैयार होंगे।”एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा, “एआईसीटीई और सी-डैक के बीच इस समझौता-प्रपत्र पर हस्ताक्षर के साथ, हम भारत में उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) शिक्षा के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहे हैं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह पहल राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के लक्ष्यों और एनईपी 2020 के विजन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है, जो यह सुनिश्चित करती है कि हमारी तकनीकी शिक्षा प्रणाली वैश्विक प्रगति में सबसे आगे रहे।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के माध्यम से एचपीसी को आगे बढ़ानाएचपीसी जागरूक जनशक्ति का विकास राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के प्रमुख कार्यों में से एक है। एनएसएम देश में एचपीसी में क्षमता और योग्यता निर्माण के लिए भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा डीएसटी द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। एआईसीटीई को पूरे भारत में तकनीकी शिक्षा प्रणाली की योजना बनाने और समन्वित विकास करने तथा ऐसी शिक्षा में गुणात्मक सुधार को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है। इस प्रकार, एनएसएम के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, सी-डैक देश भर में एआईसीटीई से संबद्ध कॉलेजों में एचपीसी शिक्षा के प्रसार के लिए एआईसीटीई के साथ साझेदारी कर रहा है।

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