भारतीय नौसेना का अग्रणी युद्धपोत आईएनएस तबर अफ्रीका और यूरोप में होने वाली अपनी तैनाती के हिस्से के तौर पर 27 से 30 जून, 2024 तक सद्भावना यात्रा के लिए मिस्र के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर अलेक्जेंड्रिया पहुंचा।

भारतीय नौसेना के जहाज तबर की अलेक्जेंड्रिया यात्रा का उद्देश्य मिस्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक विस्तार देने के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।आईएनएस तबर रूस में भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण तथा विशिष्ट क्षमताओं से लैस युद्धपोत है। इस जहाज की कमान कैप्टन एमआर हरीश के हाथ में है और इसमें 280 कर्मी सवार हैं। आईएनएस तबर जहाज पर कई तरह के हथियारों एवं सेंसर को तैनात किया है और यह भारतीय नौसेना के सबसे शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट युद्धपोतों में से एक है। यह जहाज पश्चिमी नौसेना कमान के अंतर्गत पश्चिमी बेड़े के हिस्से के रूप में मुंबई में तैनात रहता है।

अलेक्जेंड्रिया में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान इस जहाज का चालक दल कुछ सामाजिक गतिविधियों के अलावा मिस्र की नौसेना के साथ कई पेशेवर चर्चाएं भी करेगा। इसके बाद दोनों देशों की नौसेनाएं समुद्र में सैन्य गतिविधियों से संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्रवाई अथवा “पासेक्स” के माध्यम से बंदरगाह अभ्यास के चरण को पूरा करेंगी। इन सभी साझा गतिविधियों का उद्देश्य दोनों देशों नौसेनाओं द्वारा अपनाई जाने वाली विभिन्न कार्य प्रणालियों में समानताओं को बढ़ावा प्रदान करना है और साथ ही साथ दोनों नौसेनाओं के बीच सहभागिता के दायरे को व्यापक बनाना है, जो आम तौर पर सामने आने वाले समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करने में काफी सहायता प्रदान कर सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *