देश में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को नई दिल्ली में तीन आपराधिक कानूनों के बारे में जानकारी दी । उन्होंने कहा कि नए कानून त्वरित न्याय और पीड़ितों के अधिकार सुनिश्चित करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज से लागू हुए तीन आपराधिक कानून देश में सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली अब पूरी तरह से ‘स्वदेशी’ है और आजादी के बाद भारतीय लोकाचार में अंतर्निहित है।
गृह मंत्री ने कहा कि इससे पहले, केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा होगी। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश विरोधी गतिविधियों के खिलाफ नए प्रावधानों के साथ राजद्रोह कानून को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को प्राथमिकता दी गई है।
अमित शाह ने यह भी बताया कि सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए अब 20 वर्ष की कैद या आजीवन कारावास की सजा होगी। उन्होंने कहा कि नाबालिग से बलात्कार के लिए मौत की सजा दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि नए कानूनों में पीड़िता के बयान उसके घर पर महिला अधिकारियों और उसके अपने परिवार की उपस्थिति में दर्ज करने का भी प्रावधान है। उन्होंने कहा कि कानूनों में ऑनलाइन प्राथमिकी दर्ज करने का प्रावधान भी शामिल है।
अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों में भीड़ की हिंसा के विरुद्ध भी प्रावधान हैं। गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष इन कानूनों के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों पर लोकसभा में नौ घंटे से अधिक और राज्यसभा में छह घंटे से अधिक चर्चा हुई और बड़ी संख्या में विपक्षी नेताओं ने इसमें भाग लिया।