राज्यसभा को बुधवार 3 जुलाई, 2024 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।इसी के साथ संसद सत्र समाप्त हो गया।लोकसभा को मंगलवार 2 जुलाई, 2024 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। 18वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनावों के बाद, लोकसभा का पहला सत्र और राज्यसभा का 264वां सत्र क्रमशः 24 और 27 जून से बुलाया गया था। बुधवार को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजु ने संसद के इस सत्र की कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किया।
लोकसभा में पहले दो दिन 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ/प्रतिज्ञान के उद्देश्य के लिए विशेष रूप से समर्पित थे। सत्र के दौरान कुल 542 सदस्यों में से 539 ने शपथ/प्रतिज्ञान लिया। शपथ/प्रतिज्ञान की सुविधा के लिए, भारत की राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत भर्तृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया तथा सुरेश कोडिकुन्निल, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, टी.आर. बालू और सुदीप बंद्योपाध्याय को ऐसे व्यक्तियों के रूप में नियुक्त किया, जिनके समक्ष सदस्य संविधान के अनुच्छेद 99 के तहत शपथ/प्रतिज्ञान ले सकते हैं और उन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
26 जून, 2024 को लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ और लोकसभा के सदस्य ओम बिरला को ध्वनि मत से अध्यक्ष चुना गया। इसी दिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराया।
27 जून, 2024 को राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जिसमें सरकार की पिछली उपलब्धियों का ब्यौरा दिया गया और साथ ही राष्ट्र के भविष्य के विकास के लिए रोडमैप का भी विवरण दिया गया।27 जून, 2024 को प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद का राज्यसभा में परिचय कराया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून, 2024 को दोनों सदनों में शुरू होनी थी।लोकसभा में व्यवधानों के कारण इस विषय पर बहस 1 जुलाई, 2024 को ही शुरू हो सकी।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून, 2024 को सांसद सुधांशु त्रिवेदी द्वारा शुरू की गई। कुल 76 सदस्यों ने 21 घंटे से अधिक चली बहस में भाग लिया, जिसका उत्तर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3 जुलाई, 2024 को दिया गया।