शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर कजाकिस्तान के अस्ताना पहुंच गए हैं। विदेश मंत्री 3 और 4 जुलाई को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधित्व और भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करेंगे। कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बाकायेव ने डॉ. जयशंकर के आगमन पर उनका स्वागत किया।
विदेश मंत्री ने मंगलवार को कजाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री मूरत नर्टलू से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी और विभिन्न प्रारूपों में मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की। दोनों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
शिखर सम्मेलन में पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा, बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा होने की उम्मीद है। बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
एससीओ में भारत की प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री के सिक्योर यानि एसईसीयूआरई एससीओ के दृष्टिकोण पर आधारित हैं।एसईसीयूआरई का मतलब सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण संरक्षण से है। भारत ने एससीओ की अपनी पहली अध्यक्षता के तहत पिछले साल 4 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक की मेजबानी की थी।