संघ लोक सेवा आयोग ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कार्रवाई प्रारम्भ कर दी है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके यूपीएससी ने यह जानकारी दी । बताया गया कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खराब आचरण की विस्तृत और गहन जांच की है। इस जांच से पता चला है कि उन्होंने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान बदलकर परीक्षा नियमों के तहत प्रदत्त सीमा से अधिक प्रयास किए। इसलिए, यूपीएससी ने पुलिस अधिकारियों के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करके आपराधिक अभियोजन सहित उनके खिलाफ विभिन्न तरह की कार्रवाई शुरू कर दी है। यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया।
यूपीएससी में प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में, यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का कड़ाई से पालन करता है, और बिना किसी समझौते के सभी परीक्षाओं सहित अपनी सभी प्रक्रियाओं का संचालन करता है। यूपीएससी ने नियमों के अत्यंत निष्पक्षता और सख्त पालन के साथ अपनी सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित की है।
यूपीएससी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यूपीएससी ने जनता, विशेषकर उम्मीदवारों से बहुत उच्च स्तर का विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से प्रतिबद्ध है कि विश्वास और विश्वसनीयता का ऐसा उच्च स्तर बरकरार रहे और उसमें कोई समझौता न हो।