खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान शनिवार (3.8.2024) को पटना में विभिन्न कृषि-खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के प्रतिनिधियों और सूक्ष्म उद्यमियों के साथ आयोजित ‘इंडस्ट्री गोलमेज़ बैठक’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। बैठक में राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से जुड़े प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के संभावित अवसरों तथा मेगा फूड इवेंट वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 से संबंधित विषय पर चर्चा करना था।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने ‘इंडस्ट्री गोलमेज़ बैठक’ के उपरांत प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पटना में आयोजित इस बैठक का उद्देश्य इंडस्ट्री और मंत्रालय के बीच की दूरी को मिटाना है। ताकि जो कठिनाइयां, जो परेशानियां फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को आती है उसे दूर करने का और कम करने का प्रयास किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि हम आगमी 19 से 22 अगस्त तक वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 का आयोजन कर रहे हैं ताकि विदेश से आए लोग अपने टेक्नोलॉजी के प्रदर्शन करने के साथ-साथ हमारे देश के यंग स्टार्टअप को भी वैश्विक मंच मिल सके। मुझे आशा है कि आज इस बैठक में उपस्थित हुए खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोग भी इस इवेंट में हिस्सा लेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि जब हम फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खोलते हैं तो न सिर्फ हमारे किसानों को इसका आर्थिक लाभ होगा बल्कि हमारे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा और हमारे युवाओं को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस बिहार में प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देने के लिए हम लोग पूरी तरह काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के एक कृषि प्रधान देश है और बिहार भी कृषि प्रधान राज्य है जहाँ से मैं ख़ुद आता हूँ इसलिए फ़ूड प्रोसेसिंग की भूमिका और भी बढ़ जाती है । इससे राज्य को विकसित राज्य बनाने के दिशा में आगे लेकर जाना है। इससे बिहार के युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे और यह बिहार जैसे राज्य को एक विकसित राज्य की ओर आगे लेकर जाने में भी बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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