लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल के लिए भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरणाएं आवश्यक हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कर्म के माध्यम से अपने आपको सिद्ध किया है। जिस उत्तर प्रदेश को सबसे फिसड्डी मान लिया गया था, आज वह प्रदेश तेजी के साथ देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है। कानून व्यवस्था का एक मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।मुख्यमंत्री सोमवार को यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री जी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया गया।मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शास्त्रों की मान्यता के अनुसार यह वर्ष लीलाधारी भगवान श्रीकृष्ण के 5251वें जन्मोत्सव का आयोजन है। उन्होंने कहा कि आज श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम सरकारी संस्थानों, विभिन्न संगठनां के साथ घर-घर पर मनाए जा रहे हैं। यह एकमात्र आयोजन है, जो थानों, पुलिस लाइनों व जेलों में पूरी भव्यता के साथ आयोजित होता है। आज प्रदेश के सभी 1585 थानों, सभी पुलिस लाइनों, प्रदेश की 90 से अधिक जेलों में पूरी सद्भावना के साथ यह आयोजन किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 10 वर्ष पूर्व प्रदेश में ऐसा माहौल नहीं था। हमें अपनी विरासत के प्रति गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। प्रदेश सरकार विकास को विरासत के साथ आगे बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा पावन ग्रंथ है, जो धार्मिक दृष्टि से धर्म और कर्म दोनों की प्रेरणा देता है। कर्म के बिना धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन, मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि’। भारतीय मनीषियों ने हमेशा कर्म को प्रधानता दी है। श्रीमद्भगवद्गीता की घर-घर में पूजा की जाती है। भारत की न्यायपालिका भी इस ग्रंथ के प्रति उतना ही श्रद्धा का भाव रखती है, जितना कोई सनातन धर्मावलम्बी रखता है। श्रीमद्भगवद्गीता को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है। हर भारतवासी को श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश आज भी नई प्रेरणा प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर हम सभी को आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना के साथ कार्य करना है कि वर्ष 2047 में हमारा भारत विकसित भारत हो। विकसित भारत में हर चेहरे पर खुशहाली होगी। सभी को अपने देश पर गौरव की अनुभूति होगी। कोई भी दुःखी और गरीब नहीं होगा। कहीं कोई अराजकता और गुण्डागर्दी नहीं होगी। विकसित भारत में हर हाथ को काम और हर खेत को पानी होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 के इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री ने हम सभी को पंचप्रण की प्रेरणा दी है। व्यक्ति जो जिस क्षेत्र में कार्य कर रहा है, उस क्षेत्र में अपना योगदान दे। हमारा हर कार्य देश के नाम होना चाहिए तथा देश ही सर्वप्रथम होना चाहिए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, सांसद एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक प्रशान्त कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।