प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में कृषि स्थायी समिति की बैठक बुधवार को विधानसभा के सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान समिति के लिए नामित जनप्रतिनिधियों द्वारा विविध विषयों पर अपने सुझाव रखे गए। कृषि स्थायी समिति की बैठक के दौरान कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा समिति के सदस्यों को वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के अन्तर्गत कृषि कार्यक्रमों की प्रगति, फसलोत्पादन योजनाओं, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, वेदर इन्फारमेशन नेटवर्क डाटा सिस्टम (विंड्स), एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री अभियान सहित अन्य विभागीय योजनाओं की अद्यतन प्रगति की जानकारी दी।श्री शाही ने कहा कि विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में समय पर उचित मात्रा में खाद उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। बीजों के लिए दी जा रही सब्सिडी को एट सोर्स कर दिया गया। अर्थात् किसानों को बीज खरीदते समय ही सब्सिडी उपलब्ध करा दी जाती है, उन्हें इसके लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। किसानों की ऊर्जा मांग को देखते हुए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम किसान) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में नवंबर 2024 तक 53250 के सापेक्ष 19478 सोलर पंप स्थापित किया जा चुके हैं।उन्होंने कहा कि इसके साथ ही खेत तालाब योजना के अंतर्गत गत वर्ष 3370 तालाब तैयार कराए गए थे, जबकि इस वित्तीय वर्ष में 8499 की सापेक्ष अभी तक 1428 खेत तालाब तैयार किये जा चुके हैं। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में नमामि गंगे योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत रसायनमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।इस दौरान स्थाई समिति के सदस्य गणों द्वारा मंडी परिषद की सड़कों की गुणवत्ता सुधारने, निराश्रित गोवंश के आश्रय स्थलों की व्यवस्था को बेहतर किए जाने, पराली प्रबंधन को किसानों के लिए लाभदायक बनाए जाने तथा जिला स्तर पर कृषि विभाग द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम और योजनाओं में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित किए जाने सहित अन्य विषयों पर अपने सुझाव रखें। इन सुझावों पर कृषि मंत्री ने कहा कि सदस्यों के स्वागतयोग्य सुझावों को आगामी योजनाओं में शामिल किए जाने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर स्थाई समिति के सदस्यों में बाबूलाल आगरा, जवाहर लाल राजपूत झांसी, राजेन्द्र सिंह पटेल फतेहपुर, मूलचन्द्र सिंह जालौन, राजीव सिंह ऊर्फ बब्लू भइया बदायूं, विनोद शंकर अवस्थी खीरी, प्रभात कुमार वर्मा गोण्डा, सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा कुशीनगर, प्रदीप यादव औरैया, अखिलेश आजमगढ़, डॉ0 संग्राम यादव आजमगढ़ तथा प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, कृषि निदेशक एवं कृषि विभाग के उच्चाधिकारी शामिल रहे।