45 हजार 628 परिषदीय उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) में अध्ययनरत बच्चे कर रहे सहभागिता

10 जून को समर कैंप का होगा समापन, विद्यार्थियों को मिलेगा प्रशस्ति व प्रमाण पत्र

लखनऊ, 21 मई।* उत्तर प्रदेश के परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में समर कैंप 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ। इस विशेष अवसर पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बीकेटी, लखनऊ स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरधौरपुर में समर कैंप का उद्घाटन कर बच्चों के साथ संवाद किया और उनकी रचनात्मक गतिविधियों को सराहा।समर कैंप के पहले दिन पूरे प्रदेश में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। ‘स्वपरिचय’, ‘मैं हूं स्टार’, ‘मैं भी हूं लेखक’ जैसी गतिविधियों में बच्चों ने अपनी रचनात्मकता और आत्मविश्वास का खुलकर प्रदर्शन किया। योग, हेल्थ-टॉक, स्टोरी टेलिंग और म्यूजिक शेयरिंग जैसी गतिविधियों ने बच्चों में नई ऊर्जा का संचार किया। इस दौरान महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा, “यह समर कैंप बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में राज्य सरकार का अभिनव प्रयास है, जो उन्हें केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं रखता, बल्कि जीवन कौशल और रचनात्मकता से भी जोड़ता है।”समर कैंप की आगामी गतिविधियों में बच्चों को डिजिटल साक्षरता, पारंपरिक कला-शिल्प, पर्यावरण जागरूकता, खेलकूद और नेतृत्व कौशल से संबंधित विभिन्न सत्रों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। ये गतिविधियाँ न केवल उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास में सहायक होंगी, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तैयार भी करेंगी। 10 जून 2025 को समर कैंप का समापन एक विशेष समारोह के रूप में किया जाएगा, जहाँ बच्चे अपने अनुभव साझा करेंगे और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।*आगामी दिनों की कुछ ऐसी होगी झलक*आगामी सत्रों में बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास के लिए संतुलित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। डिजिटल लिटरेसी सत्रों के माध्यम से विद्यार्थी एप्प निर्माण, एआई टूल्स, और ईमेल जैसे आवश्यक कौशलों का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करेंगे।*कला-संस्कृति और खेलों का संगम*समर कैंप में पेपर मेश, मिट्टी कला, मेहंदी, रंगोली, लोकनृत्य, लोकगीत एवं वादन जैसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा को पंख मिलेंगे।खेलकूद में लंगड़ी दौड़, लेमन रेस, कबड्डी, वॉलीबॉल और क्रिकेट जैसे खेलों के माध्यम से उन्हें अनुशासन, टीम भावना और शारीरिक स्फूर्ति का महत्व समझाया जाएगा।*हरित पहल पर जोर*पर्यावरण संरक्षण, बागवानी, जल-संरक्षण और हरियाली जैसे विषयों पर विशेष कार्यशालाएं और गतिविधियाँ भी आयोजित होंगी।

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