केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के जीवंत और विविध खाद्य इको-सिस्टम पर इंडस फूड 2024 प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जो इंडिया एक्सपोज़िशन मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी के उद्घाटन पर अपने संबोधन में उन्होंने भारत के विविध खाद्य उद्योग की प्रशंसा की और वैश्विक बाजारों को लुभाने की इसकी क्षमता पर जोर दिया।

गोयल ने भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लेकर कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में 150% की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत का कृषि निर्यात कुल मिलाकर लगभग 53 अरब अमेरिकी डॉलर है। पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी और स्वाद के मिश्रण का समय आ गया है। उन्होंने किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्रदान करने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने वैश्विक स्तर पर भारतीय खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग को पहचाना। उन्होंने देश के विविध कृषि-जलवायु क्षेत्रों, 158 खाद्य और कृषि भौगोलिक संकेतों (जीआई) और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत जिलों में 708 अद्वितीय खाद्य पदार्थों की पहचान को रेखांकित किया।

गोयल ने 81 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने और देश में भूख से होने वाली मौतों को रोकना सुनिश्चित करने वाली ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ जैसी सरकार की खाद्य सुरक्षा पहल की सफलता की सराहना की। इसके अलावा, उन्होंने ‘भारत आटा’ और ‘भारत दाल’ जैसे रणनीतिक उपायों के माध्यम से खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने के प्रयासों की भी सराहना की।

केंद्रीय मंत्री ने सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की आर्थिक ताकत पर प्रकाश डाला और इस सफलता का श्रेय ठोस व्यापक आर्थिक नींव और युवा जनसांख्यिकीय हिस्से को दिया। उन्होंने भारतीय पाक व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया और वैश्विक प्रभावशाली लोगों को श्रेय दिया, जिससे विविध क्षेत्रीय व्यंजनों की लोकप्रियता में वृद्धि हुई। पीयूष गोयल ने भारतीय व्यंजनों की समृद्धि पर प्रकाश डाला, इसके विशिष्ट स्वादों, मसालों और सुगंधों का उल्लेख किया।

गोयल ने खाद्य क्षेत्र में महिलाओं की अहम भूमिका पर जोर दिया और प्रतिस्पर्धी भावना बनाए रखते हुए उद्योग-व्यापी सहकार्य और सहयोग की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कौशल विकास, विश्वविद्यालय विनिमय कार्यक्रमों और खाद्य क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करते हुए उद्योग से फ्रोजन, पैकेज्ड और खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने खाद्य पोषण और स्थिरता को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित करते हुए उद्योग से गुणवत्ता, पोषण, जैविक सामग्री और पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया।

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