हिंदी आज वैश्विक भाषा बन चुकी है। हिंदी को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का काम वर्षों से जारी है। विश्व भर में हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु पहला हिंदी दिवस सम्मेलन 10 – 12 जनवरी 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुआ था। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर का था, जिसमें 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। भारत सरकार ने 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाने का निर्णय लिया तभी से विश्व हिंदी दिवस इसी तारीख यानी 10 जनवरी को मनाया जाने लगा। अब तक 11 विश्व हिंदी सम्मेलन हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक भाषा के तौर पर स्थापित होना शेष है , भारत सरकार इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही है। अंग्रेजी और मंदारिन के बाद हिंदी विश्वभर में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है .
12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 15 से 17 फरवरी, 2023 तक फिजी में आयोजित किया जा रहा है। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन को फिजी में आयोजित करने का निर्णय मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में लिया गया था।12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए विदेश मंत्रालय नोडल मंत्रालय है। व्यवस्थित एवं निर्बाध रूप से सम्मेलन के आयोजन के लिए विभिन्न समितियाँ गठित की गई हैं।
सम्मेलन का मुख्य विषय “हिन्दी – पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक ” है।
सम्मेलन का आयोजन स्थल देनाराऊ आइलैंड कन्वेंशन सेंटर, नांदी, फिजी है।
सम्मेलन स्थल पर हिंदी भाषा के विकास से संबंधित कई प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। सम्मेलन के दौरान शाम को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।दैनिक सम्मेलन-समाचार पत्र (सम्मेलन-समाचार), सम्मेलन-स्मारिका और शैक्षिक सत्रों में हुई चर्चाओं और सुझावों के आधार पर एक सम्मेलन रिपोर्ट भी प्रकाशित की जाएगी। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा “गगनांचल” का विशेष अंक निकाला जाएगा जो सम्मेलन को समर्पित होगा। परंपरा के अनुरूप सम्मेलन के दौरान भारत एवं अन्य देशों के हिंदी विद्वानों को हिंदी के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए “विश्व हिंदी सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा। 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के लिए उपयुक्त “लोगो” के चयन हेतु 75 हजार रुपए की राशि के पुरस्कार के साथ मंत्रालय द्वारा एक “लोगो” डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। “लोगो” चयन समिति के सहयोग से, सम्मेलन के लिए एक उपयुक्त “लोगो” का चयन किया गया है। सम्मेलन के लिए एक वेबसाइट vishwahindisammelan.gov.in तैयार की गई है और सम्मेलन से संबंधित सभी सूचनाओं के लिए इसे देखा जा सकता है।
क्र.सं. सम्मेलन स्थान वर्ष
1. प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर, भारत 10-12 जनवरी, 1975
2. द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन पोर्ट लुई, मॉरीशस 28-30 अगस्त, 1976
3. तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन नई दिल्ली, भारत 28-30 अक्तूबर, 1983
4. चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन पोर्ट लुई, मॉरीशस 02-04 दिसंबर, 1993
5. पाँचवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन पोर्ट ऑफ स्पेन,
ट्रिनिडाड एंड टोबैगो 04-08 अप्रैल, 1996
6. छठा विश्व हिंदी सम्मेलन लंदन, यू.के. 14-18 सितंबर, 1999
7. सातवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन पारामारिबो, सूरीनाम 06-09 जून, 2003
8. आठवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन न्यूयार्क, अमरीका 13-15 जुलाई, 2007
9. नौवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका 22-24 सितंबर, 2012
10. दसवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन भोपाल, भारत 10-12 सितंबर, 2015
11. ग्यारहवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन पोर्ट लुई, मॉरीशस 18-20 अगस्त, 2018
विश्व हिंदी सचिवालय अधिनियम 2002 के अनुसार, जिसका उद्देश्य हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रोन्नत करना, संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करना तथा अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में हिंदी का संवर्धन एवं परिरक्षण करना है।
विश्व हिंदी सचिवालय वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रचार-प्रसार में संलग्न भारत और मॉरीशस सरकार की एक द्विपक्षीय संस्था है। 1975 में नागपुर में आयोजित प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन सहित लगातार कई विश्व हिंदी सम्मेलनों में हुए विचार-मंथन के फलस्वरूप मॉरीशस और भारत के बीच एक द्विपक्षीय समझौते के आधार पर मॉरीशस की विधान सभा में एक अधिनियम पारित करते हुए सचिवालय की स्थापना की गयी|
विश्व हिंदी दिवस के अतिरिक्त भारत में हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत आजादी के तुरंत बाद हुई। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा स्वीकार किया। संविधान में हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। संविधान में भाग 17 राजभाषा हिंदी को समर्पित है। हिंदी के विकास हेतु गृह मंत्रालय , भारत सरकार के अधीन राजभाषा विभाग भी बनाया गया है।