उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं रामपुर रज़ा लाइब्रेरी एवं संग्रहालय बोर्ड की अध्यक्ष आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को रामपुर रजा लाइब्रेरी एवं संग्रहालय का भ्रमण किया तथा पुस्तकालय के विकास और विस्तार के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने दरबार हॉल में लगायी गई अद्भुत व दुर्लभ पाण्डुलिपियों की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। उन्होंने प्रदर्शनी में रखी पाण्डुलिपियों में अपनी रूचि दिखायी तथा कलीला व दिम्ना फारसी भाषा की पाण्डुलिपि (1510 ई0 में लिखी गई अबुअल्माली नसरल्ला द्वारा लिखित भारतीय, पंचतंत्र की कहानियों पर आधारित चित्रित पाण्डुलिपि) की शैली पर बच्चों के लिए पुस्तकालय में एक अनुभाग बनाये जाने तथा पुस्तकालय में रखे ग्रन्थों का अन्य भाषाओं में अनुवाद किये जाने का भी निर्देश दिया जिससे अधिक से अधिक लोगों तक ज्ञान का संचार हो सके। राज्यपाल ने दुर्लभ चित्रों की एलबम तथा दूसरी पाण्डुलिपियों का भी अवलोकन किया। उन्होंने रजा लाइब्रेरी भवन की बहुचर्चित मीनार के बारे में कहा कि इस पर भगवान श्री राम, पैगम्बर मोहम्मद साहब, गुरू नानक तथा यीशु मसीह का आशीर्वाद है।
बैठक में राज्यपाल ने सभी प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि रामपुर रजा लाइब्रेरी को विश्व पटल पर ले जायें इसलिए सभी सम्बन्धित संस्थाऐं इस दिशा में कार्य करें। बैठक के दौरान निदेशक रज़ा पुस्तकालय, डॉ पुष्कर मिश्र द्वारा पुस्तकालय के 250 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में महोत्सव सप्ताह पर आधारित एक डाक्युमेंट्री फिल्म भी दिखायी गई, जिसकी राज्यपाल ने प्रशंसा की तथा इसकी सफलता के लिए हार्दिक बधाई भी दी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ० सुधीर महादेव बोबडे, जिलाधिकारी रामपुर जोगिन्दर सिंह, संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली संजय कौल, ए०डी०जी० सी०पी०डब्लू०डी० नई दिल्ली नैमुद्दीन, प्रतिनिधि संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश, पुलिस अधीक्षक रामपुर विद्यासागर मिश्र के अतिरिक्त अन्य प्रशासनिक अधिकारी व रज़ा लाइब्रेरी के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।