प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार कर्नाटक में कोडेकल के यादगीर में, सिंचाई, पेयजल और एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। परियोजनाओं में जल जीवन मिशन के तहत यादगीर बहु-ग्राम पेयजल आपूर्ति योजना की आधारशिला रखना और सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे एनएच-150सी के 65.5 किमी खंड (बदादल से मरदगी एस अंडोला तक) और नारायणपुर लेफ्ट बैंक नहर – विस्तार पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण परियोजना (एनएलबीसी – ईआरएम)का उद्घाटन शामिल है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के लोगों के प्यार और समर्थन पर प्रकाश डाला और कहा कि यह बड़ी ताकत का स्रोत बन गया है। यादगीर के समृद्ध इतिहास पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने रट्टिहल्ली के प्राचीन किले की ओर इशारा किया जो हमारे पूर्वजों की क्षमताओं का प्रतीक है और हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाता है। उन्होंने महान राजा महाराजा वेंकटप्पा नायक की विरासत के बारे में भी चर्चा की, जिनके स्वराज और सुशासन के विचार पूरे देश में प्रसिद्ध थे। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम सभी को इस विरासत पर गर्व है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर देश का एक भी जिला विकास के पैमानों पर पिछड़ जाए तो भी देश विकसित नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर सबसे पिछड़े क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान किया और यादगीर सहित देश के 100 से अधिक ऐसे जिलों में आकांक्षी जिला कार्यक्रम शुरू किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने इन जिलों में सुशासन पर बल दिया, विकास के हर पैमाने पर काम शुरू किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यादगीर ने 100 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया है, कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आई है, जिले के सभी गांव सड़कों और ग्राम पंचायत में डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर की उपलब्धता से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “शिक्षा, स्वास्थ्य या कनेक्टिविटी हो, यादगीर आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के शीर्ष 10 निष्पादकों में से एक रहा है।” प्रधानमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए बधाई दी।

डबल इंजन सरकार में किए गए कार्यों का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि साढ़े तीन साल पहले जब जल जीवन मिशन शुरू हुआ था, तब अठारह करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल तीन करोड़ ग्रामीण परिवारों में पाइप से पानी का कनेक्शन था। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज यह संख्या ग्यारह करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंच गई है और इनमें से पैंतीस लाख परिवार कर्नाटक से हैं।” उन्होंने कहा कि यादगीर और रायचूर में प्रति घर पानी का कवरेज कर्नाटक और देश के समग्र औसत से अधिक है।

प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को दाल का कटोरा बनाने और इस क्षेत्र में विदेशी निर्भरता को कम करने में देश की मदद करने के लिए स्थानीय किसानों की सराहना की। उन्होंने बताया कि पिछले 8 वर्षों में एमएसपी के तहत 80 गुना अधिक दालों की खरीद की गई है। दलहन किसानों को 2014 से पहले के कुछ सौ करोड़ रुपये की तुलना में पिछले 8 वर्षों में 60 हजार करोड़ रुपये मिले हैं।

यह बताते हुए कि वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया गया है, प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में ज्वार और रागी जैसे मोटे अनाज का उत्पादन बहुतायत में होता है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार इस पौष्टिक मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने और इसे दुनिया भर में बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कर्नाटक के किसान इस पहल को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय राज्य मंत्री भगवंत खुबा और कर्नाटक सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे।

 

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