कोयला, फर्नेस ऑयल इत्यादि जैसे अत्यधिक प्रदूषणकारी जीवाश्म ईंधन के उत्सर्जन से उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के अपने ठोस प्रयासों को जारी रखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश (यूपी) की राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि सीआईएल की विभिन्न कोयला कंपनियों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कार्यरत सीआईएल के विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं/स्टॉकिस्टों/एजेंटों को कोयले की आपूर्ति/आवंटन नहीं किया जाए। इसके अलावा, आयोग ने पूरे एनसीआर में थर्मल पावर प्लांटों (टीपीपी) को छोड़कर स्टॉकिस्टों, व्यापारियों और कोयले के डीलरों सहित संस्थाओं/इकाइयों/उद्योगों को किसी भी प्रकार के उपयोग/भंडारण/बिक्री/व्यापार के लिए एनसीआर में कोयले की आपूर्ति बंद करने और अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है। आयोग के वैधानिक निर्देशों के तहत पूरे एनसीआर में सभी क्षेत्रों (औद्योगिक, वाणिज्यिक और विविध अनुप्रयोगों सहित) में विभिन्न परिचालनों/अनुप्रयोगों के लिए कोयले और अन्य गैर-अनुमोदित ईंधनों के उपयोग को 01 जनवरी, 2023 से पूर्ण रूप से समाप्त करने की जरूरत है।
आयोग द्वारा एनसीआर में औद्योगिक/घरेलू/विविध अनुप्रयोगों के लिए अनुमेय ईंधन के संबंध में दिशा-निर्देश संख्या 64 दिनांक 02.06.2022 और दिशा-निर्देश संख्या 65 दिनांक 23.06.2022 के माध्यम से वैधानिक निर्देश जारी किए गए थे। वर्तमान में, कोयले का उपयोग अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है (टीपीपी को छोड़कर) और इसे आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत आम ईंधन सूची के अनुसार एनसीआर के भीतर अनुमेय ईंधन नहीं माना जाता है।
आयोग के निर्देशों के अनुपालन के क्रम में, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों में वैसी 84 औद्योगिक इकाइयों ने अस्थायी रूप से/स्थायी रूप से अपने संचालन को बंद कर दिया जो अब तक अनुमोदित ईंधन का उपयोग नहीं कर रहे थे। 01.10.2022 से शुरू हुए पिछले तीन महीनों के दौरान सिर्फ 21 औद्योगिक इकाइयों को कोयला, फर्नेस ऑयल इत्यादि जैसे अत्यधिक प्रदूषणकारी गैर-अनुमोदित ईंधन का उपयोग करते हुए पाया गया और उन इकाइयों को सीएक्यूएम बंद करने के निर्देशों के अनुसार बंद कर दिया गया है। 01 जनवरी 2023 के बाद, अनुपालन में और सुधार हुआ है और निरीक्षण के दौरान सिर्फ दो इकाइयां ऐसे अत्यधिक प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग करती पाई गईं, जोकि आयोग के वैधानिक निर्देशों के संतोषजनक अनुपालन का संकेत देती हैं।
आयोग का उड़नदस्ता पूरे एनसीआर में सिर्फ अनुमोदित ईंधन के उपयोग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु गुप्त रूप से निरीक्षण करता रहेगा।