केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 21 अप्रैल को गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीईयू) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का शुभारंभ किया।
श्री चौधरी ने अपने संबोधन में कहा, “विश्वविद्यालय केवल अकादमिक शिक्षा के केंद्र नहीं हैं – बल्कि वे युवा प्रतिभाओं को दुनिया की गतिशील वास्तविकताओं से जोड़ने वाले परिवर्तनकारी संपर्क हैं। विद्यार्थियों को तकनीकी विशेषज्ञता और व्यापक-आधार वाले उदार शिक्षा दोनों से सुसज्जित करके, वे आलोचनात्मक रूप से सोचने, निडरता से नवाचार करने और चतुराई के साथ अनुकूलन करने की क्षमता विकसित करते हैं। गुजरात इस यात्रा में अग्रणी के रूप में उभरा है, जिसने अकादमिक कठोरता, उद्योग भागीदारी और समग्र विकास पर मजबूती के साथ ध्यान केंद्रित करके अपने उच्च शिक्षा परिदृश्य को नया रूप दिया है। और हमारे विश्वविद्यालय एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण कर रहे हैं जो न केवल रोजगार योग्य है बल्कि कल्पनाशील, दायित्वपूर्ण और राष्ट्र की प्रगति के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।” श्री जयंत चौधरी ने इस बात पर भी बल दिया कि पूरे भारत के विश्वविद्यालयों को उद्योग की उभरती मांगों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए और विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से कौशल प्रदान करना चाहिए। “हमें अपने विश्वविद्यालयों को नवाचार का संचालक बनने के लिए – न केवल बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए, बल्कि राष्ट्रीय विकास को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाना चाहिए। जब विश्वविद्यालय नवाचार का नेतृत्व करते हैं, तो यह – समाज और राष्ट्र के लाभ के उद्देश्य से प्रेरित होता है।”