प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के मेहसाणा में लगभग 5800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में रेल, सड़क, पेयजल और सिंचाई जैसे अनेक क्षेत्र शामिल हैं।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 30 और 31 अक्टूबर की दो तारीखें सभी को प्रेरणा देने वाली हैं, क्योंकि पहले दिन गोविंद गुरु जी की पुण्य तिथि है और दूसरी तारीख सरदार पटेल जी की जयंती है। पीएम मोदी ने कहा, “हमारी पीढ़ी ने दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर सरदार साहब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है।” उन्होंने कहा कि गोविंद गुरु जी का जीवन भारत की आजादी में जनजातीय समाज के योगदान और बलिदान का भी प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने मानगढ़ धाम का महत्व राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया है।

प्रधानमंत्री ने दिन की शुरूआत में अंबाजी मंदिर में दर्शन और पूजा करने की चर्चा की और देवी अंबाजी का आशीर्वाद लेने का अवसर मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने गब्बर पर्वत को विकसित करने और उसकी भव्यता बढ़ाने के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना की। आज की परियोजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान अम्बे के आशीर्वाद से आज लगभग 6000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में और सुधार होगा और क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा, “मेहसाणा, पाटन, बनासकांठा, साबरकांठा, महीसागर, अहमदाबाद और गांधीनगर के आसपास के जिलों को भी इन परियोजनाओं से लाभ होगा।” उन्होंने आज की परियोजनाओं के लिए गुजरात के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत की विकास गाथा दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है।” प्रधानमंत्री ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान के उतरने और जी20 की सफल अध्यक्षता का जिक्र किया। उन्होंने संकल्प की नई भावना का जिक्र किया और भारत का कद बढ़ने के लिए लोगों की ताकत को श्रेय दिया। उन्होंने देश के सर्वांगीण विकास पर प्रकाश डाला और जल संरक्षण, सिंचाई और पेयजल के उपायों का उल्लेख किया। चाहे सड़क हो, रेल हो या हवाई अड्डे,  मोदी ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व निवेश पर बल दिया जिससे भारत में आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि गुजरात के लोग पहले ही उन विकास कार्यों को देख चुके हैं जो आज बाकी देश अनुभव कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ”मोदी जो भी संकल्प लेते हैं, उसे पूरा करते हैं।” उन्होंने तेज विकास का श्रेय गुजरात की जनता द्वारा चुनी गई स्थिर सरकार को दिया और कहा कि इससे उत्तर गुजरात समेत पूरे राज्य को फायदा हुआ है.

उस समय को याद करते हुए जब पूरे उत्तरी गुजरात क्षेत्र में पीने और सिंचाई के लिए पानी की कमी के कारण जीवन कठिन था और एकमात्र डेयरी व्यवसाय को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान प्रति वर्ष केवल एक ही फसल काट पाते थे और उसमें भी कोई निश्चितता नहीं होती थी। मोदी ने क्षेत्र के कायाकल्प के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और यहां जल आपूर्ति और सिंचाई के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने कृषि क्षेत्र के साथ-साथ उत्तरी गुजरात के औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए काम किया।” उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तरी गुजरात के लोगों के लिए कमाई के ज्यादा से ज्यादा नए रास्ते तैयार करना है। उन्होंने सुजलाम-सुफलाम योजना पर प्रकाश डाला जिसमें गुजरात के विकास के लिए नर्मदा और माही नदियों के पानी का उपयोग किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए साबरमती पर 6 बैराज बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “इनमें से एक बैराज का आज उद्घाटन किया गया है। इससे हमारे किसानों और दर्जनों गांवों को बहुत लाभ होगा”।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन सिंचाई परियोजनाओं के कारण उत्तर गुजरात में सिंचाई का दायरा 20-22 वर्षों में कई गुना बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सूक्ष्म सिंचाई की नई तकनीक उत्तर गुजरात के किसानों ने तुरंत अपनाई और संतोष व्यक्त किया कि बनासकांठा में 70 प्रतिशत क्षेत्र नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। “किसान अब सौंफ, जीरा और अन्य मसालों के साथ-साथ गेहूं, अरंडी, मूंगफली और चना जैसी कई फसलें उगा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश का 90 प्रतिशत इसबगोल गुजरात में संसाधित होता है जो इसे एक विशिष्ट पहचान देता है। उन्होंने बढ़ती कृषि उपज पर भी गौर दिया और आलू, गाजर, आम, आंवला, अनार, अमरूद और नींबू का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डीसा को आलू की जैविक खेती के केन्द्र के रूप में विकसित करने के भी प्रयास किये जा रहे हैं। मोदी ने बनासकांठा में आलू प्रसंस्करण के लिए एक विशाल संयंत्र स्थापित करने का उल्लेख किया। उन्होंने मेहसाणा में बने एग्रो फूड पार्क का भी जिक्र किया और कहा कि बनासकांठा में भी ऐसा ही मेगा फूड पार्क बनाने का काम किया जा रहा है।

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