केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुतो तीन दिन के भारत दौरे पर है। मंगलवार को केन्या के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी के बीच द्विपक्षीय मुलाकात हुई। दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान- प्रदान हुआ। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में केन्या के राष्ट्रपति रुतो का औपचारिक स्वागत किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और पीएम मोदी मौजूद रहे।
दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान- प्रदान हुआ। इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अफ्रीकन यूनियन के G20 में शामिल होने के कुछ समय बाद ही उनकी यात्रा हो रही है। भारत की विदेश नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता का स्थान दिया गया है। पिछले लगभग एक दशक में हमने मिशन मोड में अफ्रीका के साथ अपना सहयोग बढ़ाया है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति रुतो की यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ पूरे अफ्रीका महाद्वीप के साथ हमारे गठजोड़ को नया बल मिलेगा। भारत और केन्या के बीच आपसी व्यापार और निवेश में लगातार प्रगति हो रही है।
पीएम मोदी ने मीडिया से कहा कि हम हमारे आर्थिक सहयोग की पूरी क्षमता को महसूस करने के लिए हम नए अवसरों की तलाश जारी रखेंगे। इस वर्ष हम भारत और केन्या के राजनयिक संबंधों की साठवीं वर्षगाँठ मना रहे हैं, किन्तु हमारे संबंधों का हज़ारों वर्ष पुराना इतिहास है। मुंबई और मोम्बासा को आपस में जोड़ता हुआ विशाल हिंद महासागर हमारे प्राचीन संबंधों का साक्षी रहा है। इस मज़बूत नींव पर हम सदियों से साथ मिलकर आगे बढ़ते रहे हैं। पिछली सदी में हमने मिलकर उपनिवेशवाद का विरोध किया।
उन्होंने आगे कहा कि भारत केन्या के लिए एक विश्वसनीय और प्रतिबद्ध विकास का भागीदार रहा है। आईटीइसी (ITEC) तथा आईसीसीआर (ICCR) छात्रवृत्ति के माध्यम से भारत ने केन्या के लोगों की स्किल डेवलपमेंट और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दो कृषि प्रधान अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमने अपने अनुभव साझा करने पर सहमति जताई।
पीएम मोदी कहा कि केन्या के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण करने के लिए हमने ढाई सौ मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। आधुनिक समय की ज़रूरतों के अनुसार हम टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure) में भारत की उपलब्धियों को केन्या के साथ साझा करने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।
राष्ट्रपति रुतो भारत की यात्रा पर 4 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा पर उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है।