केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को बिहार की राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और झारखंड, ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और बिहार के वरिष्ठ मंत्री शामिल हुए। बैठक में अंतर राज्य परिषद सचिवालय की सचिव, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिव और राज्य सरकारों तथा केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र देश की सांस्कृतिक राजधानी होने के साथ ही प्राचीन काल से आज तक अनेक प्रमुख शिक्षण संस्थानों का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में ढेर सारे प्रयोग हुए और प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूर्वी क्षेत्र के बच्चे ही सबसे ज्यादा सफल होते हैं।गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पूर्वी क्षेत्र ने समग्र देश के औद्योगिक विकास की नींव रखी हैऔरआज़ादी से पहले और बाद इस क्षेत्र के अनेक राष्ट्र भक्तों ने देश के पुनर्विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।यह क्षेत्र खनिज संपदा और पानी से संपन्न है और बिहार, उड़ीसा, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों ने पूरे देश की जरूरतों के लिए लगभग सभी खनिज संसाधन उपलब्ध कराए हैं।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने का जो विजन दिया है पिछले 9 साल में उसे चरितार्थ भी किया है। नरेन्‍द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्षेत्रीय परिषद की बैठकों की संख्‍या में हुई बढोत्‍तरी के आंकडे देते हुए गृह मंत्री ने बताया कि 2004 से मई 2014 तक क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की बैठकों की कुल संख्या मात्र 25 थी और इस दौरान हर वर्ष औसतन 2.7 बैठकें आयोजित हुई। लेकिन वर्ष जून 2014 से अब तक पिछले 9 वर्षों में, कोविड-19 महामारी के बावजूद, क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की कुल 56 बैठकें हुई और हर साल औसतन 6.2 बैठकें आयोजित हुई।इस वर्ष अभी तक कुल 9 बैठकें हुई हैं जिसमें क्षेत्रीय परिषदों की चार और स्थायी समितियों की पाँच बैठकें शामिल है।

लगभग तीन घंटे चली बैठक को संबोधित करते हुएगृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में 1157मुद्दों को सुलझाया गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकों में राजनीतिक मामलों पर मतभेद भुलाकर उदारवादी तरीके से मामलों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व के अनके मुद्दों को भी क्षेत्रीय परिषद की बैठकों के एजेंडे में शामिल किया गया है। इनमें पोषण अभियान के माध्यम से बच्चों में कुपोषण को दूर करना, स्कूली बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर कम करना, आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सरकारी अस्पतालों की भागीदारी, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इसके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के 5 किमी के भीतर बैंकों/इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शाखाओं की सुविधा, देश में दो लाख नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACSs) की स्थापना और देश के सभी मौजूदा पैक्सों को मजबूत करना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर मुख्यमंत्री, मंत्री और मुख्य सचिव स्तर पर हर तीन महीने पर समीक्षा किए जाने की जरूरत है। बैठक में खनन, कुछ मदों में केन्द्रीय आर्थिक सहायता, बुनियादी सुविधाओं का निर्माण, भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्थानांतरण, जल बँटवारा, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण स्कीम का कार्यान्वयन, राज्य पुनर्गठन से सम्बंधित मुद्दे तथा क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के विषयों पर भी चर्चा हुई।

अमित शाह ने कहा कि बैठक में चारों राज्यों — बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा ने गुड प्रैक्टिसेस को लेकर अच्छा प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि इन गुड प्रैक्टिसेस से अन्य राज्यों को भी सकारात्मक कदम उठाने की प्रेरणा मिलेगी। बैठक में बताया गया कि हाजीपुर-सगौली नई रेल लाइन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो गया है। साथ ही, पश्चिम बंगाल के नबद्वीपघाट—नवद्वीपधाम नई रेल परियोजना (15 किमी) के लिए भूमि अधिग्रहण का काम भी शुरू हो गया है। इसके अलावा, कृष्णानगर-नबद्वीपघाट गेज परिवर्तन (12.2किमी) के पूर्ण खंड, यानी कृष्णानगर-अमघाटा (8.30किमी) का काम चालू हो गया है।

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