इंडियन डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द गोल्डन थ्रेड’ को 18वें मुंबई अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में गोल्डन कोंच अवार्ड के साथ अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के रूप में सम्मानित किया गया ।

निष्ठा जैन द्वारा निर्देशित भारतीय फिल्म ‘द गोल्डन थ्रेड’ ने एमआईएफएफ 2024 में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन कोंच पुरस्कार जीता। यह फिल्म औद्योगिक क्रांति के अंतिम अवशेषों पर आर्थिक बदलाव की ताकतों के प्रभाव के प्रति श्रद्धांजलि और टिप्पणी दोनों है। दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े फिल्म महोत्सव में नॉन-फिक्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री के रूप में चुनी गई यह फिल्म न केवल मनुष्य और मशीन के बीच के रिश्ते को दर्शाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि पूंजीवाद मनुष्य को केवल उसके श्रम के बराबर कैसे मानता है।

इंडिया इन अमृत काल’ की विशेष श्रेणी में निर्देशक एडमंड रैनसन को ‘लाइफ इन लूम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म का पुरस्कार दिया गया। श्रीमोयी सिंह को उनकी फिल्म ‘एंड, टुवार्ड्स हैप्पी एलीज़’ के लिए सर्वश्रेष्ठ नवोदित निर्देशक का दादा साहब फाल्के चित्रनगरी पुरस्कार मिला।

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